जब एक वस्तु अचर चाल से वृत्त के अनुदिश गमन करती है, तब
इस पर कोई कार्य नही किया जाता
इसमें कोई त्वरण उत्पन नही होता
इस पर कोई बल नही लगता
इसका वेग अचर रहता है
जब एक वस्तु अचर चाल से वृत्त के अनुदिश गमन करती है, तब
वृत्तीय गति में जब चाल नियत है, इसका अर्थ है अभिकेन्द्रीय बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है।
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