यदि एक साईकिल गति कर रही है, तो पृथ्वी तल द्वारा इसके दोनों पहियों पर आरोपित घर्षण बल निम्न प्रकार लगता है
आगे वाले पहिए पर पीछे की दिशा में एवं पिछले पहिए पर आगे की दिशा में
आगे वाले पहिए पर आगे की दिशा में एवं पिछले वाले पहिए पर पीछे की दिशा में
दोनों पहियों पर पीछे की दिशा में
दोनों $(a)$ और $(c)$
यदि एक साईकिल गति कर रही है, तो पृथ्वी तल द्वारा इसके दोनों पहियों पर आरोपित घर्षण बल निम्न प्रकार लगता है
साईकिल चलाने की प्रक्रिया में साईकिल के पैडल को चलाने पर पिछले पहिये की ओर बल संचरित होता है, जिससे पिछला पहिया घूमने लगता है। अत: साईकिल के पैडल को चलाने की प्रक्रिया में पिछले पहिये द्वारा पृथ्वी तल पर लगाये गये बल के कारण लगने वाला घर्षण बल अग्र दिशा में लगता है (पैदल चलने की प्रक्रिया की तरह) एवं आगे का पहिया स्वयं ही गति करता है, तथा इस पर घर्षण बल पीछे की दिशा में लगता है (गेंद की लोटनिक गति की तरह)। [परन्तु जब पैडल चलाना बंद कर दिया जाता है, तब पहिये स्वयं ही गतिशील रहते हैं, अत: दोनों पहियों पर घर्षण बल पीछे की ओर लगता है]
Other Language