परस्पर गुरुत्वीय आकर्षण के प्रभाव में दो समान द्रव्यमान कण त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर गति कर रहे हैं। प्रत्येक कण की चाल होगी
$v = \frac{1}{{2R}}\sqrt {\frac{1}{{Gm}}} $
$v = \sqrt {\frac{{Gm}}{{2R}}} $
$v = \frac{1}{2}\sqrt {\frac{{Gm}}{R}} $
$v = \sqrt {\frac{{4Gm}}{R}} $
परस्पर गुरुत्वीय आकर्षण के प्रभाव में दो समान द्रव्यमान कण त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर गति कर रहे हैं। प्रत्येक कण की चाल होगी
अभिकेन्द्रीय बल दो कणों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रदान किया जायेगा
अर्थात $\frac{{m{v^2}}}{R} = \frac{{Gm \times m}}{{{{(2R)}^2}}}$
$ \Rightarrow v = \frac{1}{2}\sqrt {\frac{{Gm}}{R}} $
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