पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या दोनों में $0.5\%$ की वृद्धि कर दी जाती है तब पृथ्वी तल पर
$g$ घटेगा
पलायन वेग नियत रहेगा
स्थितिज ऊर्जा नियत रहेगी
उपरोक्त में से सभी
पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या दोनों में $0.5\%$ की वृद्धि कर दी जाती है तब पृथ्वी तल पर
$g = \frac{{GM}}{{{R^2}}},{v_e} = \sqrt {\frac{{2GM}}{R}} $ तथा $U = \frac{{ - GMm}}{R}$
$g \propto \frac{M}{{{R^2}}},{v_e} \propto \sqrt {\frac{M}{R}} $ तथा $U \propto \frac{M}{R}$
यदि द्रव्यमान तथा त्रिज्या दोनों का मान $0.5\%$ बढ़ा दिया जाये तो ${v_e}$ तथा $U$ का मान अपरिवर्तित रहता है, जबकि $g$ का मान $0.5\%$ कम हो जाता है
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