पृथ्वी की सूर्य से अधिकतम एवं न्यूनतम दूरियाँ क्रमश: ${r_1}$ तथा ${r_2}$ हैं। जब यह (पृथ्वी) कक्षा के दीर्घ अक्ष पर सूर्य से खींचे गये अभिलम्ब पर हो, तब इसकी सूर्य से दूरी क्या होगी
$\frac{{{r_1} + {r_2}}}{4}$
$\frac{{{r_1}{r_2}}}{{{r_1} + {r_2}}}$
$\frac{{2{r_1}{r_2}}}{{{r_1} + {r_2}}}$
$\frac{{{r_1} + {r_2}}}{3}$
पृथ्वी की सूर्य से अधिकतम एवं न्यूनतम दूरियाँ क्रमश: ${r_1}$ तथा ${r_2}$ हैं। जब यह (पृथ्वी) कक्षा के दीर्घ अक्ष पर सूर्य से खींचे गये अभिलम्ब पर हो, तब इसकी सूर्य से दूरी क्या होगी
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्तीय पथ पर गति करती है। अत: दीर्घवृत्त के गुणधर्मो का प्रयोग करने पर
${r_1} = (1 + e)\,a$ तथा ${r_2} = (1 - e)\,a$
$ \Rightarrow \,a = \frac{{{r_1} + {r_2}}}{2}$ तथा ${r_1}{r_2} = (1 - {e^2})\,{a^2}$
जहाँ $a =$ अर्ध दीर्घ अक्ष
$b =$ अर्ध लघु अक्ष
$e =$ उत्केन्द्रता
अब अभीष्ट दूरी = अर्द्ध नाभि लंब $ = \frac{{{b^2}}}{a}$
$ = \frac{{{a^2}(1 - {e^2})}}{a} $
$= \frac{{({r_1}{r_2})}}{{({r_1} + {r_2})/2}} $
$= \frac{{2{r_1}{r_2}}}{{{r_1} + {r_2}}}$
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