$x-$अक्ष के अनुदिश गति कर रहे किसी कण पर कार्यरत बल का स्थिति के साथ परिवर्तन चित्र में प्रदर्शित है। वस्तु स्थायी संतुलन में होगी
$x = {x_1}$पर
$x = {x_2}$पर
${x_1}$ तथा ${x_2}$ दोनों पर
न ${x_1}$ पर न ${x_2}$ पर
$x-$अक्ष के अनुदिश गति कर रहे किसी कण पर कार्यरत बल का स्थिति के साथ परिवर्तन चित्र में प्रदर्शित है। वस्तु स्थायी संतुलन में होगी
जब कण मूल बिन्दु से दूर की ओर गति करता है, तब $x = {x_1}$ पर बल शून्य है तथा $x > {x_1}$ पर बल का मान धनात्मक (प्रतिकर्षण प्रकृति का) है। अत: कण गति करता रहता है, तथा अपनी पूर्व स्थिति में वापस नहीं आता अर्थात् संतुलन स्थायी नहीं होगा।
इसी प्रकार $x = {x_2}$ पर बल शून्य है तथा $x > {x_2}$ पर बल ऋणात्मक (आकर्षण प्रकृति का) है। अत: कण अपनी पूर्व (वास्तविक) स्थिति में वापस आ जाता है अर्थात् संतुलन स्थायी होगा।
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