पृथ्वी सूर्य के चारों ओर $9.3 \times {10^7}\,$ मी त्रिज्या की एक दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमती हुई एक वर्ष में एक चक्कर पूरा करती है। माना कि वहाँ कोई बाह्य प्रभाव नहीं है, तब
पृथ्वी की गतिज ऊर्जा अचर रहती है
पृथ्वी का कोणीय संवेग अचर रहता है
पृथ्वी की स्थितिज ऊर्जा अचर रहती है
उपरोक्त सभी उत्तर सही हैं
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर $9.3 \times {10^7}\,$ मी त्रिज्या की एक दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमती हुई एक वर्ष में एक चक्कर पूरा करती है। माना कि वहाँ कोई बाह्य प्रभाव नहीं है, तब
गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी की स्थिति के साथ परिवर्तित होती हैं। परन्तु कोणीय संवेग हर जगह नियत रहता है।
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