$M$ द्रव्यमान का एक गुटका जो घर्षणहीन क्षैतिज सतह पर गति कर रहा है, $K$ स्प्रिंग नियतांक की एक स्प्रिंग से टकराता है, तथा इसे $L$ दूरी तक संपीड़ित करता है। संघट्ट के पश्चात् गुटके का अधिकतम संवेग है
शून्य
$\frac{{M{L^2}}}{K}$
$\sqrt {MK} \,L$
$\frac{{K{L^2}}}{{2M}}$
$M$ द्रव्यमान का एक गुटका जो घर्षणहीन क्षैतिज सतह पर गति कर रहा है, $K$ स्प्रिंग नियतांक की एक स्प्रिंग से टकराता है, तथा इसे $L$ दूरी तक संपीड़ित करता है। संघट्ट के पश्चात् गुटके का अधिकतम संवेग है
जब $M$ द्रव्यमान का गुटका स्प्रिंग से टकराता है, तो इसकी गतिज ऊर्जा स्प्रिंग की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत से,$\frac{1}{2}M{v^2} = \frac{1}{2}K{L^2}$
$⇒$ $v = \sqrt {\frac{K}{M}} L$
जहाँ $v$ गुटके का वह वेग है, जिस वेग से यह स्प्रिंग से टकराता है, अत: इसका अधिकतम संवेग
$P = Mv = M\sqrt {\frac{K}{M}} \,L$ = $\sqrt {MK} \,L,$संघट्ट के पश्चात् गुटका इसी रेखीय संवेग से वापस लौटता है।
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