माना कि गुरुत्वाकर्षण बल दूरी की $n$ वीं घात के व्युत्क्रमानुसार परिवर्तित होता है। सूर्य के चारों ओर $R$ त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में परिक्रमण कर रहे किसी ग्रह का आवर्तकाल समानुपाती होगा
${R^{\left( {\frac{{n + 1}}{2}} \right)}}$
${R^{\left( {\frac{{n - 1}}{2}} \right)}}$
${R^n}$
${R^{\left( {\frac{{n - 2}}{2}} \right)}}$
माना कि गुरुत्वाकर्षण बल दूरी की $n$ वीं घात के व्युत्क्रमानुसार परिवर्तित होता है। सूर्य के चारों ओर $R$ त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में परिक्रमण कर रहे किसी ग्रह का आवर्तकाल समानुपाती होगा
$m{\omega ^2}R \propto \frac{1}{{{R^n}}}$
$m\left( {\frac{{4{\pi ^2}}}{{{T^2}}}} \right)R \propto \frac{1}{{{R^n}}}$
${T^2} \propto {R^{n + 1}}$
$T \propto {R^{\left( {\frac{{n + 1}}{2}} \right)}}$
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