यदि किसी पिण्ड के संवेग को $n$ गुना कर दिया जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी
$n$ गुनी
$2n$ गुनी
$\sqrt n $ गुनी
${n^2}$ गुनी
यदि किसी पिण्ड के संवेग को $n$ गुना कर दिया जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी
$E = \frac{{{P^2}}}{{2m}}$
$E \propto {P^2}$
अत: यदि $P$ को $n$ गुना बढ़ा दिया जाता है, तब $E$ का मान $n^2$ गुना बढ़ जाएगा।