एक समान घनत्व तथा $4$ इकाई त्रिज्या वाले ठोस गोले का केन्द्र मूल बिन्दु $O$ पर है। $1$ इकाई त्रिज्या के दो गोले इसमें से इस प्रकार निकाल लिये जाते हैं कि उनके स्थान पर खाली जगह (गुहिका) रह जाती है। यदि इन निकाले गए गोलों के केन्द्र $A(-2, 0, 0)$ तथा $B(2, 0, 0)$ हों तो
इस आकृत्ति के कारण मूल बिन्दु पर गुरुत्वाकर्षण बल शून्य होगा
वृत्त ${y^2} + {z^2} = 36$ के प्रत्येक बिन्दु पर गुरुत्वीय विभव समान होगा
वृत्त ${y^2} + {z^2} = 4$ के प्रत्येक बिन्दु पर गुरुत्वीय विभव समान होगा
उपरोक्त में से सभी
एक समान घनत्व तथा $4$ इकाई त्रिज्या वाले ठोस गोले का केन्द्र मूल बिन्दु $O$ पर है। $1$ इकाई त्रिज्या के दो गोले इसमें से इस प्रकार निकाल लिये जाते हैं कि उनके स्थान पर खाली जगह (गुहिका) रह जाती है। यदि इन निकाले गए गोलों के केन्द्र $A(-2, 0, 0)$ तथा $B(2, 0, 0)$ हों तो
चूँकि गुहिकाएँ (Cavities) $O$ के परित: सममित हैं अत: केन्द्र पर गुरुत्वाकर्षण बल शून्य है।
वृत्त ${z^2} + {y^2} = 36$ की त्रिज्या $6$ है।
उन सभी बिन्दुओं के लिये जिनके लिये $r \ge 6$ है, वस्तु का कुल द्रव्यमान केन्द्र पर केन्द्रित माना जा सकता है। इसलिये गुरुत्वाकर्षण विभव समान होगा।
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