पृथ्वी तल से एक प्रक्षेप्य को आकाश में ऊध्

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पृथ्वी तल से एक प्रक्षेप्य को आकाश में ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $kv{_e}$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (यहाँ ${v_e}$पलायन वेग है, एवं $k < 1$)। यदि वायु घर्षण को नगण्य मानें तो प्रक्षेप्य पृथ्वी के केन्द्र से कितनी अधिकतम ऊँचार्इ तक पहँुचेगा (R = पृथ्वी की त्रिज्या)

A

$\frac{R}{{{k^2} + 1}}$

B

$\frac{R}{{{k^2} - 1}}$

C

$\frac{R}{{1 - {k^2}}}$

D

$\frac{R}{{k + 1}}$

पृथ्वी तल से एक प्रक्षेप्य को आकाश में ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $kv{_e}$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (यहाँ ${v_e}$पलायन वेग है, एवं $k < 1$)। यदि वायु घर्षण को नगण्य मानें तो प्रक्षेप्य पृथ्वी के केन्द्र से कितनी अधिकतम ऊँचार्इ तक पहँुचेगा (R = पृथ्वी की त्रिज्या)

गतिज ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा

 $\frac{1}{2}m\,{(k{v_e})^2} = \frac{{mgh}}{{1 + \frac{h}{R}}}$Þ $\frac{1}{2}m{k^2}2gR = \frac{{mgh}}{{1 + \frac{h}{R}}}$

$ \Rightarrow \,h = \frac{{R{k^2}}}{{1 - {k^2}}}$

 पृथ्वी तल से प्रक्षेप्य की दूरी (ऊँचार्इ) = h

केन्द्र से दूरी $r = R + h = R + \frac{{R{k^2}}}{{1 - {k^2}}}$

हल करने पर $r = \frac{R}{{1 - {k^2}}}$