एक कण $P$ घर्षण विहीन अर्द्धगोले में फिसल रहा है। $t = 0$पर यह बिन्दु $A$ से गुजरता है तथा इस समय इसके वेग का क्षैतिज घटक $v$ है। समान द्रव्यमान के अन्य कण $Q $ को $t = 0$ पर बिन्दु $A$ से क्षैतिज डोरी $AB $ के अनुदिश $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (चित्रानुसार) $Q$ तथा डोरी के मध्य कोई घर्षण नहि यदि $P$ तथा $Q$ कणों को $B$ बिन्दु तक पहुँचने में लगे समय क्रमश:${t_P}$तथा ${t_Q}$हों तो
${t_P} < {t_Q}$
${t_P} = {t_Q}$
${t_P} > {t_Q}$
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एक कण $P$ घर्षण विहीन अर्द्धगोले में फिसल रहा है। $t = 0$पर यह बिन्दु $A$ से गुजरता है तथा इस समय इसके वेग का क्षैतिज घटक $v$ है। समान द्रव्यमान के अन्य कण $Q $ को $t = 0$ पर बिन्दु $A$ से क्षैतिज डोरी $AB $ के अनुदिश $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (चित्रानुसार) $Q$ तथा डोरी के मध्य कोई घर्षण नहि यदि $P$ तथा $Q$ कणों को $B$ बिन्दु तक पहुँचने में लगे समय क्रमश:${t_P}$तथा ${t_Q}$हों तो
कण $P$ के लिये, $A$ तथा $C$ के बीच की गति त्वरित गति जबकि $C$ तथा $B$ के बीच की गति मंदित गति होगी। परन्तु हर स्थिति में इसके वेग का क्षैतिज घटक $v$ से अधिक अथवा $v$ के बराबर होगा। दूसरी ओर कण $Q$ के लिये इसका मान हमेशा $v$ के बराबर रहेगा। दोनों कणों के लिये क्षैतिज विस्थापन समान है, इसलिये ${t_P} < {t_Q}$
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