$m$ द्रव्यमान का एक कण ${V_0}$ वेग से $m$द्रव्यमान के ही सरल लोलक से टकराता है तथा इससे चिपक जाता है। लोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई होगी
$h = \frac{{V_0^2}}{{8g}}$
$\sqrt {{V_0}g} $
$2\sqrt {\frac{{{V_0}}}{g}} $
$\frac{{V_0^2}}{{4g}}$
$m$ द्रव्यमान का एक कण ${V_0}$ वेग से $m$द्रव्यमान के ही सरल लोलक से टकराता है तथा इससे चिपक जाता है। लोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई होगी
कण का प्रारम्भिक संवेग = $m{V_0}$
निकाय (कण + लोलक) का अंतिम संवेग $= 2\,mv$
संवेग संरक्षण के सिद्धांत से
$⇒$ $m{V_0} = 2mv$
निकाय का प्रारंभिक वेग $v =$ $\frac{{{V_0}}}{2}$
निकाय की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा = $\frac{1}{2}(2m){v^2}$
= $\frac{1}{2}(2m){\left( {\frac{{{V_0}}}{2}} \right)^2}$
यदि निकाय $h$ ऊँचाई तक ऊपर उठता है तब
$P.E. =$ $2mgh$
ऊर्जा संरक्षण के नियम से
$\frac{1}{2}(2m){\left( {\frac{{{V_0}}}{2}} \right)^2} = 2mgh$
$h = \frac{{V_0^2}}{{8g}}$
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