$m$ द्रव्यमान का कोई पिण्ड $u$ वेग से समान द्रव्यमान $m$ वाले एक अन्य स्थिर पिण्ड से एक विमीय प्रत्यास्थ संघÍ करता है। दोनों पिण्ड अत्यल्प समय $T$ तक संपर्क में रहते हैं। उनके बीच का अंर्तक्रियात्मक बल $T/2$ समय में शून्य से $F_0$ तक रैखिक रूप से बढ़ता है तथा अगले $T/2$ समय में रैखिकत: घटकर शून्य हो जाता है। $F_0$ का परिमाण है
$mu/T$
$2mu/T$
$mu/2T$
इनमें से कोई नहीं
$m$ द्रव्यमान का कोई पिण्ड $u$ वेग से समान द्रव्यमान $m$ वाले एक अन्य स्थिर पिण्ड से एक विमीय प्रत्यास्थ संघÍ करता है। दोनों पिण्ड अत्यल्प समय $T$ तक संपर्क में रहते हैं। उनके बीच का अंर्तक्रियात्मक बल $T/2$ समय में शून्य से $F_0$ तक रैखिक रूप से बढ़ता है तथा अगले $T/2$ समय में रैखिकत: घटकर शून्य हो जाता है। $F_0$ का परिमाण है
एक विमीय प्रत्यास्थ टक्कर में कण समान वेग से विपरीत दिशा में लौटता है।
अर्थात् संवेग में परिवर्तन $ = 2mu$
परन्तु आवेग $ = F \times T = $ संवेग में परिवर्तन
$⇒$ ${F_0} \times T = 2mu$ $⇒$ ${F_0} = \frac{{2mu}}{T}$