एक कण प्रारंभ में घर्षण रहित क्षैतिज तल पर विराम में स्थित है। कण पर नियत परिमाण व दिशा का क्षैतिज बल आरोपित किया जाता है। पिण्ड पर किये गये कार्य $(W)$ व उसके वेग $(v) $ के मध्य सही ग्राफ होगा (यदि कण पर कोई अन्य क्षैतिज बल नहीं लग रहा है)
एक कण प्रारंभ में घर्षण रहित क्षैतिज तल पर विराम में स्थित है। कण पर नियत परिमाण व दिशा का क्षैतिज बल आरोपित किया जाता है। पिण्ड पर किये गये कार्य $(W)$ व उसके वेग $(v) $ के मध्य सही ग्राफ होगा (यदि कण पर कोई अन्य क्षैतिज बल नहीं लग रहा है)
किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
$W = \frac{1}{2}m{v^2}$
$W \propto {v^2}$अत: ग्राफ की प्रकृति परवलयाकार होगी।