एक व्यक्ति पृथ्वीतल (घर्षण रहित) पर स्थित किसी बिन्दु से गति प्रारंभ कर विकर्णत: विपरीत बिंदु पर पहुँचता है। उसके द्वारा किया गया कार्य है
शून्य
धनात्मक
ऋणात्मक
कुछ नहीं कहा जा सकता
एक व्यक्ति पृथ्वीतल (घर्षण रहित) पर स्थित किसी बिन्दु से गति प्रारंभ कर विकर्णत: विपरीत बिंदु पर पहुँचता है। उसके द्वारा किया गया कार्य है
चूँकि सतह चिकनी है, अत: घर्षण के विरुद्ध किया गया कार्य शून्य होगा तथा विस्थापन व गुरुत्वीय बल परस्पर लम्बवत् हैं, अत: गुरुत्व के विरुद्ध किया गया कार्य शून्य होगा।