एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है
$2\pi \sqrt {\frac{{M\eta }}{L}} $
$2\pi \sqrt {\frac{L}{{M\eta }}} $
$2\pi \sqrt {\frac{{ML}}{\eta }} $
$2\pi \sqrt {\frac{M}{{\eta L}}} $
एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है
द्रव्यमान $[M]$, लम्बाई $[L] $ तथा दृढ़ता गुणांक $[M{L^{ - 1}}{T^{ - 2}}]$ की विमायें सूत्र में प्रतिस्थापित करने पर $T = 2\pi \sqrt {\frac{M}{{\eta L}}} $ आवर्तकाल का सही सूत्र है।
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