एक $8\, kg$ द्रव्यमान का स्वतंत्र पिण्ड $2 \,m/s$ के वेग से रेखीय गति कर रहा है। आन्तरिक विस्फोट के कारण किसी क्षण पिण्ड दो बराबर भागों में टूट जाता है जिससे $16$ जूल ऊर्जा मुक्त होती है। यदि किसी भी पिण्ड की गति मूल रेखा से विचलित नहीं होती है, तो
दोनों भाग समान दिशा में मूल पिण्ड के वेग से गति करते रहेंगे
एक भाग विराम में आ जाएगा तथा दूसरा भाग मूल पिण्ड की दिशा में गतिशील रहेगा
एक भाग विराम में आ जाएगा एवं दूसरा भाग मूल पिण्ड की दिशा के विपरीत दिशा में गतिशील रहेगा
एक भाग उसी दिशा में गतिशील रहेगा एवं दूसरा भाग मूल पिण्ड की दिशा के विपरीत दिशा में गतिशील रहेगा
एक $8\, kg$ द्रव्यमान का स्वतंत्र पिण्ड $2 \,m/s$ के वेग से रेखीय गति कर रहा है। आन्तरिक विस्फोट के कारण किसी क्षण पिण्ड दो बराबर भागों में टूट जाता है जिससे $16$ जूल ऊर्जा मुक्त होती है। यदि किसी भी पिण्ड की गति मूल रेखा से विचलित नहीं होती है, तो
चूँकि वस्तु आंतरिक विस्फोट के कारण दो समान भागों में विभक्त होती है,
अत: निकाय का संवेग संरक्षित रहेगा। अर्थात् $8 \times 2 = 4{v_1} + 4{v_2}$
$⇒$ ${v_1} + {v_2} = 4$ …(i)
ऊर्जा संरक्षण के नियम से,
प्रारंभिक गतिज ऊर्जा + विस्फोट की प्रक्रिया में मुक्त ऊर्जा = निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा
$⇒$$\frac{1}{2} \times 8 \times {(2)^2} + 16 = \frac{1}{2}4v_1^2 + \frac{1}{2}4v_2^2$
$⇒$$v_1^2 + v_2^2 = 16$ …(ii)
समी. $(i)$ तथा समी.$ (ii)$ को हल करने पर ${v_1} = 4$ तथा ${v_2} = 0$
अर्थात् एक भाग विरामावस्था में आ जाएगा तथा दूसरा भाग मूल वस्तु की दिशा में गति करेगा।