क्षैतिज से $60° $ के कोण पर एक तोप के गोले को $200\, m/se$ के वेग से दागा जाता है। यह अपनी उड़ान के महत्त्म बिन्दु पर तीन बराबर हिस्सों में बंट जाता है, जिनमें एक ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $100 \,m/sec$ व एक ऊध्र्वाधर नीचे की ओर $100 \,m/sec$ के वेग से गिरता है। तीसरे टुकड़े का वेग है
$100 \,m/s $ क्षैतिज दिशा में
$300 \,m/s$ क्षैतिज दिशा में
$300\, m/s$ क्षैतिज से $60°$ कोण पर
$200 \,m/s$ क्षैतिज से $60° $ कोण पर
क्षैतिज से $60° $ के कोण पर एक तोप के गोले को $200\, m/se$ के वेग से दागा जाता है। यह अपनी उड़ान के महत्त्म बिन्दु पर तीन बराबर हिस्सों में बंट जाता है, जिनमें एक ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $100 \,m/sec$ व एक ऊध्र्वाधर नीचे की ओर $100 \,m/sec$ के वेग से गिरता है। तीसरे टुकड़े का वेग है
विस्फोट से पूर्व उच्चतम बिंदु पर $m $ द्रव्यमान की गेंद का वेग ${\vec P_1} + {\vec P_2} + {\vec P_3}$
= $\frac{m}{3} \times 100\hat j - \frac{m}{3} \times 100\hat j + \frac{m}{3} \times V\hat i$
माना कि विस्फोट के पश्चात् तीसरे टुकड़े का वेग $ V $ है।
तब विस्फोट के पश्चात् निकाय का संवेग = ${\overrightarrow P _1} + {\overrightarrow P _2} + {\overrightarrow P _3}$
विस्फोट से पूर्व तथा विस्फोट के पश्चात् के संवेगों की तुलना करने पर
$\frac{m}{3} \times 100\hat j - \frac{m}{3} \times 100\hat j + \frac{m}{3}V\hat i = 100m\hat i$
==>$V = 300\,m/s$
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