$m$ किलोग्राम द्रव्यमान का एक पिण्ड पृथ्वी तल से $2 \,R$ ऊँचाई से गिर रहा है। जब यह पिण्ड पृथ्वी तल से $‘R’$ ऊँचा पर स्थित बिन्दु तक गिरता है, तब इसकी गतिज ऊर्जा होगी ($R-$पृथ्वी की त्रिज्या, $M-$पृथ्वी का द्रव्यमान, $G-$गुरुत्वाकर्षण नियतांक)
$\frac{1}{2}\frac{{GMm}}{R}$
$\frac{1}{6}\frac{{GMm}}{R}$
$\frac{2}{3}\frac{{GMm}}{R}$
$\frac{1}{3}\frac{{GMm}}{R}$
$m$ किलोग्राम द्रव्यमान का एक पिण्ड पृथ्वी तल से $2 \,R$ ऊँचाई से गिर रहा है। जब यह पिण्ड पृथ्वी तल से $‘R’$ ऊँचा पर स्थित बिन्दु तक गिरता है, तब इसकी गतिज ऊर्जा होगी ($R-$पृथ्वी की त्रिज्या, $M-$पृथ्वी का द्रव्यमान, $G-$गुरुत्वाकर्षण नियतांक)
स्थितिज ऊर्जा $U = \frac{{ - GMm}}{r} = - \frac{{GMm}}{{R + h}}$
${U_{initial}} = - \frac{{GMm}}{{3R}}$ and ${U_{final}} = - \frac{{ - GMm}}{{2R}}$
स्थितिज ऊर्जा में हानि = गतिज ऊर्जा में लाभ
$ = \frac{{GMm}}{{2R}} - \frac{{GMm}}{{3R}} = \frac{{GMm}}{{6R}}$
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