एक वस्तु अचर चाल से वृत्तीय पथ पर गति कर रही है। यदि इसकी गति की दिशा उलट दें किन्तु चाल स्थिर रखें, तो निम्न कथन/कथनों में सत्य कथन होगा
अभिकेन्द्रीय बल का परिमाण स्थिर रहता है
अभिकेन्द्रीय बल की दिशा विपरीत हो जाती है
अभिकेन्द्रीय बल की दिशा में कोई परिवर्तन नही होता
$(a)$ और $(c)$ दोनों
एक वस्तु अचर चाल से वृत्तीय पथ पर गति कर रही है। यदि इसकी गति की दिशा उलट दें किन्तु चाल स्थिर रखें, तो निम्न कथन/कथनों में सत्य कथन होगा
अभिकेन्द्रीय बल = $\frac{{m{v^2}}}{r}$ तथा यह सदैव वृत्त के केंद्र की ओर रहता है। घूर्णन की दिशा, अभिकेन्द्रीय बल के परिमाण एवं इसकी दिशा पर, कोई प्रभाव नहीं डालती।